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हो कुड़ि उपन्यास - Ho Kudi Novel

                    हो कुड़ि उपन्यास

                                            -         डॉ.  जानुम सिंह सोय

                                                           -         [हो भाषा से हिंदी में अनुवाद]

Chapter 1

सिंहभूम के बीच में कोकचो नाम का एक बहुत बड़ा गांव है| कोकचो गांव में एक बहुत पुराना सरकारी स्कूल है| स्कूल का नाम कोकचो अपर प्राइमरी स्कूल है| कोकचो गांव के सामने एक साप्ताहिक हाट होता है जोकि नगर हाट से जाना जाता है|

गुरुवार के दिन सभी सामने के स्कूल, सरकारी कार्यालय subah hota hai..क्या कर रहा है हां मामू के साथ क्या कर रहा है सुबह मैं ही होती है| सुबह स्कूल के दिन झाड़ू और गोबर से साफ होती है| जल्दी छुट्टी मिल जाए इसके लिए बच्चे स्कूल की सफाई में लगे रहते हैं|

कोकचो स्कूल में गुरुवार के दिन सुबह स्कूल होती है| गुना मास्टर अभी भी है, सब बच्चे उनसे बहुत डरते हैं| क्योंकि पढ़ाई लिखाई नहीं karne se मार पड़ती है| बच्चे डर की भावना से अपने अपने काम में लगे रहते हैं| फिर भी मास्टर उन्हें काम देते रहते हैं|

वर्ग मॉनिटर- जो काम नहीं करेगा उसे मेरे पास ले के आओ, और यह डंडा भी लेते आना|

रुगुना - सुनते ही वह डंडा साथ में पकड़कर चला गया| जो डर से चुप रहा था दौड़ रहा था और कुछ को दौड़ कर पकड़ लिया| पहुंचते ही बच्चों को डंडे से पीटने लगा|

वर्ग मॉनिटर - यह माला नाम की लड़की बहुत आलसी है, रोज बच जाती है|

आज उसको मत छोड़ना, गोबर देखने से वह अपना नाक बंद कर लेती है, उसको ही बहुत घिन रही है?

रुकना- लड़कियों को भी नहीं छोड़ता है| सब की पिटाई करता है|

लड़कियों के बीच में एक माला नाम की लड़की थी| दौड़ाकर माला की खूब पिटाई हुई थी|

माला- मा गो ,बाबा गो... इस तरह रोते-रोते घर चली गई|

sukura mala के पिता पूछते हैं- क्या हुआ? कौन तुम्हें मारा, चलो स्कूल चलते हैं| स्कूल पहुंचते ही चिल्लाया कौन मारा... कौन मारा..| और मास्टर सब के ऊपर भी जोर से चिल्लाया| और इधर मास्टर सभी उसे समझाने बुझाने में लगे हुए थे|

ruguna- बहुत चंचल है, डर बिल्कुल भी नहीं है| छोटे बड़े का मान सम्मान भी नहीं करती है| किसी को पीटने के लिए बोलो तो वह जाकर पीठ के जाती है| बड़ों से भी नहीं डरती है| वैसे कुछ काम देने से वह जरूर करती है इसलिए सभी उसे पसंद करते हैं|

बड़ा भैया- अभी bhi dare hue  है| इतना बड़ा कांटा लगालो.. कौन मारा कौन मारा

सीधा- सादा, शांत सरल, नरम स्वभाव, बुद्धिमान भी है| मारपीट गाली-गलौज इन सब से बहुत दूर रहता है| वाह डर के मारे बोलता है कि छोटे को पिटाई जरूर पड़ेगी,नहीं बच पाएगा|

भरोसा करके बड़ी दीदी के यहां चला गया| लेकिन उनको कुछ बता नहीं पाया|

बड़ी दीदी- देखते ही मन ही मन सोची कि यह ऐसा क्यों खड़ा है तब से| क्योंकि उनका पढ़ाई चल रहा था इसलिए वह निकल भी नहीं पा रही थी, सिर्फ उसे देख रही थी|

पता नहीं क्या हुआ है, इसका कुछ भी पता नहीं है| क्योंकि उन्हें चिल्लाने की आवाज अभी तक सुनाई नहीं थी इसलिए उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता|

बड़ा भैया- चुपके से वह चला गया, किसी को पता भी नहीं चला| साथ में अपनी छोटी बहन(marang dada + ruguna) को भी पकड़ के ले गया|

" इधर में sukura mala बहुत जोर से चिल्लाने लगा"

मास्टर, मॉनिटर सभी उसे समझाने में लगे हुए थे| समझाते समझाते थक गए लेकिन समझा नहीं पाए|

Sukura mala किसी का भी बात सुनने के लिए तैयार नहीं था| सभी" इतना बड़ा कांटा लगलो" बोलता रहा|

किताब स्लेट को भी छोड़ dono bhag कर aa गया| दोनों एक साथ भाग गया और इसी तरह घर पहुंच गया|

देखते ही पूछने लगे- क्यों भागे आए हो?

इधर दोनों खटिया में बैठ गए और थोड़ी देर बाद हमें खाना दिया गया|

" इधर बड़ी दीदी बहुत दुख में थी" बड़ी दीदी- पढ़ाई में बहुत अच्छी है

शाम का समय हो गया| घर सब की गोबर से सफाई हुई| स्कूल छुट्टी हो गया और सब अपने अपने घर चले गए|

सुकरा माला भी अपने घर चले गए|

बड़ी दीदी- उदास हो कर चली गई| भाई दोनों का किताब प्लेट भी लेते आई|

इधर ruguna डर से छुपी हुई थी| सामने भी नहीं रही थी| बाद में बड़ी दीदी सब बात बताइ|

अच्छा हुआ बच्चे ने बात सुना|

बचपन में उसे कभी-भी नहीं डांटा गया| कितनी मेहनत से बच्चों को पढ़ाया लेकिन दूसरे लोग जलते थे कि झूठ मूठ का उस पर पैसा खर्च कर रहे हैं, लड़की को  पढ़ाना व्यर्थ है| ladki baba biti hoti hai.

यह बात सब जगह फैल गई|

सबके सामने में ही बोला- हाथी तो चलेगा ही, कुत्ता तो भूखे गा ही

बच्चे तो बच्चे ही होते हैं चाहे लड़का हो या लड़की, मां-बाप दोनों बराबरी प्यार देते हैं|

वहां पर एक बांदा में सब nahate हैं जिसको sayob banda बोला जाता है| कांदा कांदा buru के सामने हैं |

बचपन में ही अनाथ हो गया था| लेकिन उसकी मां बहुत होशियार और चतुर र्थी| बहुत दुख में उसका पालन पोषण की| वह थोड़ा बहुत स्कूल भी गई है| बाद में batigutu budiuli से शादी हुई| उनका बहुत बड़ा घर था और बच्चे हमेशा खेलने में लगे रहते थे और गांव में वही बच्चे ज्यादा पढ़ते थे| उनके घर में गाय बैल भी बहुत सारी थी|

बड़े लोग बोल के गांव के सब लोग उनका सम्मान करते थे| खेती-बाड़ी में हमेशा लगे रहते थे| वह ज्यादा नहीं पढ़े हैं फिर भी बहुत चतुर्थ है| और अपने बड़े बेटे से पूछते थे-

मैट्रिक पास होने के बाद क्या पढ़ाई करते हैं?

I.A. की पढ़ाई|

I.A. पास हो गया तो?

B.A पढ़ाई करते हैं|

B.A पास हो गया तो?

M.A पढ़ाई करते हैं|

M.A पास हो गया तो?

Law सब की पढ़ाई करते हैं|

इसी तरह से बड़ा बेटा समय me hi पढ़ लिख लिया और बुद्धिमान बन गया|

 

गांव में पर्व त्यौहार और दस्तूर सब बहुत मानते हैं, यह सब सुरजन से रिलेटेड है| यह हंसी खुशी सब लड़का लड़की दोनों में बराबरी में है| और इसमें भी वह सब हमेशा आगे रहते हैं|



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